ईंधन तकनीक: सुप्रीम कोर्ट ने एथेनॉल मिश्रण याचिका क्यों खारिज की? Supreme Court Rejects Ethanol Blend Petition

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ईंधन तकनीक: सुप्रीम कोर्ट ने एथेनॉल मिश्रण याचिका क्यों खारिज की? Supreme Court Rejects Ethanol Blend Petition

साधनान्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने पेट्रोल में एथेनॉल मिलाने की योजना को चुनौती देने वाली एक याचिका को खारिज कर दिया है।

यह फैसला 1 सितंबर को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बीआर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की बेंच द्वारा सुनाया गया था।

याचिका में तर्क दिया गया था कि अप्रैल 2023 से पहले बनी कारें और BS-VI मानक वाली गाड़ियाँ एथेनॉल मिले पेट्रोल के साथ संगत नहीं हैं, जिससे उपभोक्ताओं को बिना एथेनॉल वाला ईंधन चुनने का विकल्प मिलना चाहिए।

याचिकाकर्ता, एक इंग्लैंड निवासी वकील अक्षय मल्होत्रा द्वारा दायर की गई थी, जिसमें माइलेज में 6% की कमी का दावा किया गया था।

अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणि ने सरकार की ओर से तर्क दिया कि एक बाहरी व्यक्ति भारत में किस प्रकार का पेट्रोल इस्तेमाल किया जाए, यह तय नहीं कर सकता।

सरकार का लक्ष्य 2025-26 तक सभी पेट्रोल पंपों पर E20 पेट्रोल (20% एथेनॉल) उपलब्ध कराना है, जो ईंधन तकनीक में एक महत्वपूर्ण बदलाव दर्शाता है और देश में स्वदेशी तकनीक और ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा देने के प्रयासों का हिस्सा है।

यह फैसला भारत के ईंधन क्षेत्र में तकनीकी विकास और उपभोक्ता विकल्पों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है, जिससे गैजेट और स्मार्टफोन जैसे तकनीकी उपकरणों के ईंधन दक्षता पर भी विचार किया जाना चाहिए।

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय देश के ईंधन नीति और तकनीकी विकास के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है।

  • सुप्रीम कोर्ट ने एथेनॉल मिश्रण याचिका खारिज की
  • सरकार का E20 पेट्रोल का लक्ष्य 2025-26 तक
  • याचिकाकर्ता इंग्लैंड का निवासी

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Posted on 02 September 2025 | Follow साधनान्यूज़.com for the latest updates.

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