10 सितंबर: पितृ पक्ष में गणेश चतुर्थी का विशेष योग, पूजा विधि जानें Ganesh Chaturthi Conjoins Pitru Paksha

Temple news:

10 सितंबर: पितृ पक्ष में गणेश चतुर्थी का विशेष योग, पूजा विधि जानें Ganesh Chaturthi Conjoins Pitru Paksha news image

10 सितंबर: पितृ पक्ष में गणेश चतुर्थी का विशेष योग, पूजा विधि जानें Ganesh Chaturthi Conjoins Pitru Paksha

साधनान्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार, 10 सितंबर, बुधवार को पितृ पक्ष के दौरान गणेश चतुर्थी का संयोग बन रहा है, जो धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।

इस दिन पितरों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करने और भगवान गणेश की पूजा करने का अनूठा अवसर है।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, 10 सितंबर की शाम 6 बजे तक आश्विन कृष्ण तृतीया तिथि रहेगी, जिसके कारण इस दिन तृतीया तिथि के श्राद्ध कर्म किए जाएँगे।

शाम 6 बजे के बाद चतुर्थी तिथि प्रारंभ होगी।

गणेश चतुर्थी व्रत में चंद्र दर्शन का विशेष महत्व है, और 10 सितंबर की रात में चतुर्थी तिथि में ही चंद्र उदय होगा।

अगले दिन 11 सितंबर को दोपहर लगभग 3.40 बजे पंचमी तिथि आरंभ होगी और चंद्र उदय भी पंचमी तिथि में ही होगा।

इसलिए, ज्योतिषीय गणना के अनुसार, 10 सितंबर को चतुर्थी व्रत करना श्रेष्ठ माना जा रहा है।

पितृ पक्ष की तृतीया तिथि पर उन पूर्वजों का श्राद्ध करें जिनकी मृत्यु किसी भी महीने की तृतीया तिथि को हुई हो।

पितरों के लिए धूप-ध्यान दोपहर में करने का विधान है, जो श्राद्ध कर्म के लिए सबसे शुभ समय माना जाता है।

गणेश चतुर्थी व्रत में सुबह और शाम भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा करें और दोपहर में पितरों के लिए श्रद्धापूर्ण धूप-ध्यान करें।

इस संयोग से आप अपने पितरों का आशीर्वाद और भगवान गणेश का कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

यह धार्मिक अनुष्ठान आध्यात्मिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करते हैं।

इस पवित्र अवसर का लाभ उठाएँ और अपने धर्म कर्म को पूर्ण करें।

  • पितृ पक्ष में गणेश चतुर्थी का दुर्लभ संयोग
  • भगवान गणेश की पूजा और पितरों के लिए श्राद्ध
  • दोपहर में पितरों के लिए धूप-ध्यान का महत्व

Related: Technology Trends | Top Cricket Updates


Posted on 09 September 2025 | Stay updated with साधनान्यूज़.com for more news.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *