गणेश चतुर्थी: गणपति को मोदक क्यों? धार्मिक आस्था और पौराणिक मान्यताएँ Ganesh Chaturthi Modak Offering Ritual

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गणेश चतुर्थी: गणपति को मोदक क्यों? धार्मिक आस्था और पौराणिक मान्यताएँ Ganesh Chaturthi Modak Offering Ritual

साधनान्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार, गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश को मोदक का भोग लगाना एक प्राचीन परंपरा है।

यह केवल एक प्रसाद नहीं, अपितु आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व से परिपूर्ण अनुष्ठान है।

धार्मिक शास्त्रों में मोदक को ज्ञान और बुद्धि का प्रतीक माना गया है।

इसका गोल आकार पूर्णता और समृद्धि का प्रतीक है, जो भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करने की गणेश जी की शक्ति को दर्शाता है।

मोदक का शुद्ध और पवित्र तरीके से बनना भी इस पूजा का एक महत्वपूर्ण पहलू है, जो शुद्धता और भक्ति का प्रतीक है।

यह प्रसाद केवल गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए ही नहीं, अपितु भक्तों के मन और शरीर को ऊर्जा प्रदान करने के लिए भी माना जाता है।

इसके अलावा, मोदक का स्वादिष्ट होना और आसानी से बनना इसे सभी वर्गों के लोगों के लिए सुलभ बनाता है, जो पूजा को और अधिक समावेशी बनाता है।

यह परंपरा पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है, और गणेश चतुर्थी के उत्सव में इसकी अपनी विशेष पहचान है।

मोदक से जुड़ी ये धार्मिक और पौराणिक मान्यताएँ गणेश पूजा को और भी अधिक पवित्र और आध्यात्मिक बनाती हैं, जो धर्म और आस्था का प्रतीक है।

इस प्रकार, गणेश चतुर्थी के दौरान मोदक का भोग लगाना केवल एक रस्म नहीं, अपितु एक गहरी आध्यात्मिक यात्रा का हिस्सा है।

  • मोदक: ज्ञान, बुद्धि और पूर्णता का प्रतीक
  • शुद्धता और भक्ति का प्रतीक: मोदक का निर्माण
  • गणेश पूजा: आध्यात्मिक यात्रा का हिस्सा

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Posted on 08 September 2025 | Keep reading साधनान्यूज़.com for news updates.

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