गया में पिंडदान: 7 पीढ़ियों का उद्धार? धर्म और आध्यात्मिक महत्व का विश्लेषण Gaya Pindadan: Religious Spiritual Significance

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गया में पिंडदान: 7 पीढ़ियों का उद्धार? धर्म और आध्यात्मिक महत्व का विश्लेषण Gaya Pindadan: Religious Spiritual Significance
साधनान्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार, गया में पिंडदान का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व सदियों से प्रचलित है।
भारत में कई तीर्थ स्थल हैं जहाँ पिंडदान और श्राद्ध किया जाता है, लेकिन गया का विशेष महत्व है।
फाल्गु नदी के तट पर स्थित यह पवित्र शहर, पुराणों में भगवान विष्णु के पितृदेव रूप में निवास करने का वर्णन किया गया है।
धार्मिक मान्यता है कि सर्वपितृ अमावस्या जैसे पवित्र दिनों में यहां पिंडदान करने से 7 पीढ़ियों तक के पितरों का उद्धार होता है, और पितृ ऋण से मुक्ति मिलती है।
यह मान्यता है कि गया में किया गया श्राद्ध कर्म पितरों की आत्मा को शांति प्रदान करता है और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करता है, इसीलिए इसे मोक्ष स्थली भी कहा जाता है।
देशभर में पिंडदान के लिए 55 स्थानों को महत्वपूर्ण माना जाता है, लेकिन गया को सर्वोपरि माना जाता है।
यहाँ की तर्पण विधि और पिंडदान की पवित्रता अद्वितीय है; यह माना जाता है कि यहां श्राद्ध कर्म करने से व्यक्ति पितृ ऋण से पूरी तरह मुक्त हो जाता है।
भगवान श्रीराम ने भी यहाँ अपनी पितृ पूजा की थी, जिससे गया का महत्व और भी बढ़ जाता है।
गया में पिंडदान की यह परंपरा आध्यात्मिक विश्वासों को पुष्ट करती है और आस्था का एक महत्वपूर्ण केंद्र बना हुआ है, जहाँ लाखों लोग अपने पितरों के लिए श्रद्धा से पूजा करते हैं और आध्यात्मिक शांति प्राप्त करते हैं।
- गया में पिंडदान से 7 पीढ़ियों का उद्धार
- पितृ ऋण से मुक्ति और आत्मा को शांति
- भगवान विष्णु का पितृदेव रूप में निवास
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Posted on 07 September 2025 | Visit साधनान्यूज़.com for more stories.