थरूर का विश्लेषण: वैश्विक राजनीति में भारत का संतुलन? कांग्रेस नेता का नज़रिया India’s Global Role Reassessed Tharoor

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थरूर का विश्लेषण: वैश्विक राजनीति में भारत का संतुलन? कांग्रेस नेता का नज़रिया India’s Global Role Reassessed Tharoor
साधनान्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार, शशि थरूर के ताज़ा लेख में अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में भारत की भूमिका पर गंभीर चिंतन किया गया है।
वैश्विक कूटनीति के मंच पर भारत ने सदैव एक संतुलित रणनीति अपनाने का प्रयास किया है, जो सिद्धांततः गुटनिरपेक्षता पर आधारित है, परंतु व्यवहार में व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाता है।
वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य में, बढ़ते तनाव और बदलती निष्ठाओं के बीच, भारत को अपनी स्थिति को पुनः परिभाषित करने की चुनौती का सामना है।
अमेरिका के साथ संबंधों में विशेष तनाव देखने को मिल रहा है, ट्रम्प टैरिफ के व्यापक आर्थिक परिणाम होंगे, क्योंकि पिछले साल भारत के कुल निर्यात में अमेरिका का योगदान 18% था।
यह केवल एक व्यापारिक मुद्दा नहीं है, बल्कि रणनीतिक संबंधों पर भी सवाल उठाता है।
अमेरिका और भारत ने एक चौथाई सदी से अधिक समय तक अपने रणनीतिक संबंधों को मजबूत किया है, और अमेरिका हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीनी प्रभाव का मुकाबला करने में भारत को एक महत्वपूर्ण सहयोगी मानता रहा है।
परंतु नए टैरिफ इस बात की याद दिलाते हैं कि मजबूत साझेदारियाँ भी राजनीतिक नेतृत्व के बदलाव से प्रभावित हो सकती हैं।
पाकिस्तान के साथ अमेरिका के संबंध भी चिंताजनक हैं।
थरूर के अनुसार, अमेरिका के दीर्घकालिक आर्थिक, तकनीकी और सामरिक हित अभी भी भारत के साथ जुड़े हुए हैं, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों में भारत को अपनी विदेश नीति में सतर्कता और सूझबूझ का परिचय देना होगा।
यह लेख भारत की विदेश नीति, बीजेपी सरकार की चुनौतियाँ, और कांग्रेस पार्टी के दृष्टिकोण पर प्रकाश डालता है।
लेख के निष्कर्ष से यह स्पष्ट होता है कि भारत को वैश्विक राजनीति में अपनी स्वतंत्र पहचान बनाए रखने के लिए एक नई रणनीति बनाने की आवश्यकता है।
- अमेरिका-भारत संबंधों में तनाव
- वैश्विक राजनीति में भारत की चुनौतियाँ
- कांग्रेस नेता का विश्लेषण
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Posted on 07 September 2025 | Visit साधनान्यूज़.com for more stories.