भारत को चाहिए ज़्यादा ग्रेड-ए शहर? चेतन भगत का राजनीतिक विश्लेषण Bhagat Debates Urban India Development

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भारत को चाहिए ज़्यादा ग्रेड-ए शहर? चेतन भगत का राजनीतिक विश्लेषण Bhagat Debates Urban India Development
साधनान्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार, चेतन भगत के ताज़ा कॉलम में भारत के शहरी विकास पर ज़ोरदार बहस छिड़ी है।
गुरुग्राम के उदय का उदाहरण देते हुए भगत ने बताया कि कैसे दिल्ली की रियल एस्टेट नीतियों की विफलता ने नए शहरों के विकास को बढ़ावा दिया।
दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की सीमित क्षमता और अपर्याप्त योजनाओं के कारण, 1990 और 2000 के दशक में आईटी उद्योग के बढ़ते दबाव को संभाल पाना मुश्किल हो गया।
इस कमी ने नोएडा और गुरुग्राम जैसे शहरों को विकास का अवसर प्रदान किया, जो दिल्ली के आसपास विकसित हुए और आईटी पेशेवरों और निवेशकों को आकर्षित किया।
गुरुग्राम की विशेष सफलता डीएलएफ डेवलपर की दूरदर्शी योजनाओं का परिणाम है।
भगत के अनुसार, यह घटनाक्रम बीजेपी और कांग्रेस जैसी प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के लिए एक महत्वपूर्ण सबक है, क्योंकि यह शहरी नियोजन की भूमिका और भविष्य के विकास के लिए गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचे के निर्माण पर प्रकाश डालता है।
इससे राजनीतिक दलों के लिए चुनावों में शहरी मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए प्रभावी नीतियों को अपनाना आवश्यक है।
भगत का मानना है कि भारत को भविष्य में अधिक ग्रेड-ए शहरों की आवश्यकता है, जिसके लिए समग्र और प्रभावी शहरी योजना आवश्यक है।
यह देश के आर्थिक विकास और राजनीतिक स्थिरता के लिए अहम है।
- दिल्ली की रियल एस्टेट नीतियों की विफलता ने गुरुग्राम और नोएडा के उदय को जन्म दिया।
- ग्रेड-ए शहरों का विकास देश के आर्थिक विकास और राजनीतिक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है।
- बीजेपी और कांग्रेस जैसे राजनीतिक दलों को शहरी नियोजन पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
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Posted on 06 September 2025 | Follow साधनान्यूज़.com for the latest updates.