चीन की विदेश नीति: जिनपिंग की मोदी-मुनीर मुलाकातों का क्या मतलब? Pakistan China Military Meeting Questions

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चीन की विदेश नीति: जिनपिंग की मोदी-मुनीर मुलाकातों का क्या मतलब? Pakistan China Military Meeting Questions
साधनान्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी सेना प्रमुख फ़ील्ड मार्शल असीम मुनीर की चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में नए सवाल खड़े कर दिए हैं।
यह मुलाकात शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन के ठीक बाद हुई, जिसमें भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उपस्थित थे।
मुनीर, पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप में, तियानजिन में आयोजित एससीओ शिखर सम्मेलन में शामिल हुए थे और बुधवार को चीनी सेना की भव्य परेड में भी भाग लेंगे, जो जापानी आक्रमण के खिलाफ चीनी जन प्रतिरोध युद्ध की 80वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित की जा रही है।
यह ध्यान देने योग्य है कि फ़ील्ड मार्शल मुनीर ने जुलाई में अपनी पहली चीन यात्रा के दौरान उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात की थी, लेकिन राष्ट्रपति शी जिनपिंग से नहीं।
यह तथ्य कि जिनपिंग ने मोदी से मुलाकात के तुरंत बाद मुनीर से मुलाकात की, विश्व राजनीति में चीन की भूमिका और उसकी पाकिस्तान के साथ रणनीतिक साझेदारी को लेकर कई तरह की अटकलें लगा रही हैं।
इस मुलाक़ात से ग्लोबल स्तर पर कई देशों की विदेश नीति पर प्रभाव पड़ सकता है और संयुक्त राष्ट्र जैसी संस्थाओं की भूमिका पर भी विचार किया जा रहा है।
इस घटनाक्रम से विश्व के भू-राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव की संभावनाओं पर विचार करना ज़रूरी हो गया है।
इसके विदेश नीतिगत निहितार्थों को समझना महत्वपूर्ण है।
- मोदी-जिनपिंग मुलाकात के बाद मुनीर से मुलाकात
- चीन की पाकिस्तान के साथ रणनीतिक साझेदारी पर सवाल
- ग्लोबल राजनीति पर प्रभाव
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Posted on 03 September 2025 | Check साधनान्यूज़.com for more coverage.